शनिवार, 1 अगस्त 2009

नहीं होता मुसलमानों के साथ भेदभाव

मुंबई की एक सोसायटी में मुसलमान होने के कारण मकान न मिलने का आरोप लगाने के बाद इमरान हाशमी अलग-थलग पड़ गए हैं। सिल्वर स्क्रीन के सीरियल किसर इमरान हाशमी को मुंबई में सोसाइटी में घर नहीं मिल रहा है। इमरान का आरोप है कि वह मुस्लिम हैं इस नाते उन्हें सोसाइटी में कोई घर बेचने को तैयार नहीं है। लेकिन इसके पीछे इमरान हाशमी जो वजह बता रहे हैं वह बेहद गंभीर है। इमरान हाशमी जब पाली हिल के नजदीक निबाना कोऑपरेटिव सोसाइटी में घर की तलाश में पहुंचे तो वहां के पदाधिकारियों ने कहा कि आप कहीं और देख लें। इमरान मानते हैं कि सोसाइटी उन्हें घर बेचने के लिए सिर्फ इसलिए राजी नहीं है क्योंकि वह मुस्लिम हैं। लेकिन इंडस्ट्री के ही अन्य मुस्लिम कलाकार उन्हें गलत ठहरा रहे हैं। सलमान खान, आमिर खान और रजा मुराद के बाद शाहरुख खान ने भी धर्म के आधार पर किसी भेदभाव से इनकार किया है। एक कार्यक्रम के सिलसिले में शनिवार को दिल्ली आए शाहरुख खान पहले तो इस मुद्दे पर जवाब देने से बचते रहे, लेकिन बार-बार यह सवाल उठने पर उन्होंने कहा, 'मैं धर्मनिरपेक्षता का जीता-जागता उदाहरण हूं। मेरे माता-पिता मुस्लिम थे और पत्नी हिंदू हैं। दूसरे धर्म में शादी करने के बावजूद मुझ पर कभी उंगली नहीं उठाई गई। मेरे धर्म गुरुओं ने मुझे कभी नहीं बताया कि ऐसा करने पर मुस्लिम धर्म में मेरी क्या जगह है? यह मुद्दा मुझे कभी परेशान नहीं करता। चाहे दिल्ली में बिताया गया वक्त हो या इंडस्ट्री में गुजारे 20 साल, मैंने धर्म के कारण भेदभाव कभी नहीं झेला।'
शाहरुख़ खान का मानना है कि अगर कहीं ऐसी इक्का-दुक्का घटना होती भी है, तो उसे मीडिया में तूल नहीं देना चाहिए। इससे अन्य देशों में भारत की छवि खराब होती है और वे भारत को बंटा हुआ देखते हैं, जबकि हकीकत इसके उलट है।

1 टिप्पणी:

अनुनाद सिंह ने कहा…

यह भी जिहाद का एक रूप है।